सोचा तो बहुत था...
मगर जैसा सोचा था वैसा हो ना सका.....
सपनो को संजोया तो बहुत देर तक था ...
मगर हकीक़त में बदलना हो ना सका....
गम को बहुत समझाया की पास ना आ
मगर वैसा हरगिज हो ना सका
बहुत सोचा की ना सोंचू
परन्तु ऐसा भी हो ना सका ....
चला था अकेले ...
रह गया अकेले ....
साथ किसी का हो ना सका.....
दुनिया से छिपाया ...
दिल को लाख समझाया.....
पर जुबान पर ले आऊ ऐसा हो ना सका !!!!!
सोचा तो बहुत था...
मगर जैसा सोचा था वैसा हो ना सका.....
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