Friday, April 13, 2012

कल के भरोसे क्या जीना जब आज अभी बाकी है ....






कल के भरोसे क्या जीना जब आज अभी बाकी है ....
बीत गए कितने ही अनगिनत पल पर जीवन अभी भी बाकि है....
सपने हो गए पुरे या रह गए माना अधूरे ... मगर पूरा करना बाकी है.....
कल के भरोसे क्या जीना जब आज अभी बाकी है....!!!!

बातें बंद क्यों हो गए कहना जब कहना अभी कुछ बाकी है....
रुक गए क्यों चलते चलते जब चलना अभी बाकी है ....


कितना भी कर लो पर बाकी कुछ तो रह जायेगा....
वरना आने वाले पल के लिए काम क्या रह जायेगा ......

जिंदगी का दस्तूर तो निभाना पड़ेगा ही....
मुस्कुराना और खिलखिलाना पड़ेगा ही ....

बाकी वाले काम ना जाने कब पुरे कर पाएंगे
या किसी कोने में दुबक कर छीप जायेंगे....
अचानक से कभी याद आएंगे....
और हलचल मच मचाएंगे.....


आज अभी बाकी है ....
आवाज अभी बाकी है .....
मौसम खुशमिजाज है... अंदाज अभी बाकी है ....
कल के भरोसे क्या जीना जब आज अभी बाकी है ....!!!!



1 comment:

John Petter said...
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Ek Shaam

 Ek dhalti shaam ko kya uhi beet Jaaney du..  ya bhaag kar Roku usey aur naa jaaney du..  ya rok kar toku usey aur behla dun..  Kya shaam ko...