Thursday, April 14, 2011

माना पंची जो उड़ गए पिंजरे से वे लौट कर थोड़े ही आएंगे....



माना पंची जो उड़ गए पिंजरे से वे लौट कर थोड़े ही आएंगे....
माना की गलतिया जो हो गयी अनजाने में अपने छाप छोड़ जायेंगे...
माना की बीता हुआ पल लौट के नहीं आता .....
बातें कुछ जानते है की गलत है फिर भी अक्सर करते है...
कुछ बातें जानते है की सही है पर कभी नहीं करते.....

2 comments:

रश्मि प्रभा... said...

तो गलतियां दुहरानी नहीं चाहिए
सही करने की कोशिश तो हो सकती है न...

anuj said...

रस्मी जी सुक्रिया आपसे प्रेरित होकर मैंने हिंदी में लिखा और सच कहू तोह अंतर साफ़ नजर आता है, बहुत सुक्रिया मेरी रचना पड़ने के लिए और अपनी विचार देने के लिए... आपने सही कहा गलतिया दुहराने का प्रयास तोह नहीं करना चाहिए !!!

Ek Shaam

 Ek dhalti shaam ko kya uhi beet Jaaney du..  ya bhaag kar Roku usey aur naa jaaney du..  ya rok kar toku usey aur behla dun..  Kya shaam ko...