दोस्ती का परचम हर दिन लहराएगा .........
दोस्त केवल एक दिन थोड़े ही काम आयेगा ...........
हर कोई मिलने वाला दोस्त थोड़े ही कहलायेगा ...........
चले हम कही भी जाये दोस्त हमेशा याद आएंगे .......
कुछ दोस्त ऐसे है जिनको भूल ना पाएंगे.......
कोशिश है की हरदम साथ निभाएंगे .........
जिंदगी के हर मोर पर दोस्त नजर आएंगे....
हम अगर मुश्कुरायेंगे तोह वोह खिल्खिलायेंगे
कंजूस हो तो मिस काल देंगे पर बात जरूर करेंगे....
आलसी हो तो समस पड़ेंगे भले जवाब ना देंगे ......
अपने नजर ना ए भले ... पर अपना पैगाम पहुचाएंगे ...
दोस्त ऐसे है की कितनी भी भीड़ क्यों ना हो .......
दोस्त ऐसे है की कितनी भी भीड़ क्यों ना हो .......
नजर जरूर आएंगे....वो अलग नजर आएंगे.....
दोस्त हर मोर पर नजर आएंगे .............................
Thanks for being there since time immemorial and towards infinity .... may god bless us all........
No comments:
Post a Comment