जिंदगी के अनगिनत पल यो ही बीत जाते है
कुछ पल इतने पास रहते है की अक्सर याद आते है
कुछ पल बीती हूवी यादो में गूम हो जाते है
पलो का क्या है आते जाते रहते है
पर हर पल में कोई किस्सा छुपा होता है
जीवन का कोई न कोई हिस्सा छुपा होता है
भूलना चाहे कितना भी हम पर साथ इतना गहरा है
की सपनो में भी कई बार इन्ही पलों का पहरा रहता है
कितने ही पल में हम कितना ही मुश्कुराए
कितने ही पल में हम थोडा बहुत शर्माए
कितने ही पल में हम हल्का फुल्का घबराये
पर केवल अच्छे पल रखे और बाकि हटा दें
तो अलग सी हो जाएगी जिंदगी......
मानो बेरंग सी हो जाएगी जिंदगी.....
क्यूंकि जंगले में केवल पलाश नहीं उगते
यहाँ वहा घास फुश भी उग आते है
सच मनो तोह जंगल की शोभा बढ़ाते है
जीवन में हर पल अपने आप में भरपूर है
so enjoy each moment no matter how small.... how diluted ... how indifferent ... how far ......
8 comments:
Beautiful way of expressing! :)
Sweet poetry..
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति.......
हर पल में कोई किस्सा छुपा होता है
जीवन का कोई न कोई हिस्सा छुपा होता है
भूलना चाहे कितना भी हम पर साथ इतना गहरा है
की सपनो में भी कई बार इन्ही पलों का पहरा रहता ... bahut hi komal, bauddhik anubhuti
बहुत सुंदर रचना.... अंतिम पंक्तियों ने मन मोह लिया...
thanks simran... well ur poems are do doubt with more expressions...
vasha ji... sukriya... apke vichar se utsaah badega....
rashmi ji... apka andaaj kaphi acha hai... sukriya,,, bahut bahut sukriya
sanjay ji... sukriya...
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